THE BASIC PRINCIPLES OF SIDH KUNJIKA

The Basic Principles Of sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते click here मधुमर्दिनि।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

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